ज्ञान को कोई दरवाजा कहाँ रोक पाया है
(चित्र को बड़ा करके देखने के लिए चित्र पर क्लिक करें)
पुरानी दिल्ली की गलियों में जब भी गुज़रता हूँ तो कई अलग बातों का अनुभव होता है. जैसे की सुना करते थे कि ज्ञान को कोई नहीं रोक सकता, कोई ताकत नहीं छुपा सकती. अब इसे ही देखिये कि एक बंद दरवाज़े पर कितना कुछ लिख दिया गया है, जैसे कि ज़िन्दगी भर का किसी ने जोड़ घटा यहीं निकाल लिया हो.
क्या ज़िन्दगी का फलसफा भी यही नहीं है. कितनी ही चीज़ों कि तरफ तो हम अपने को बंद ही रखते है, शायद प्यार और अपनेपन का भी दरवाज़ा हमने बंद कर दिया है और चाबी शायद खो दी है. हम बस बंद दरवाज़े कि तरह आँखें मूंदे अपनी ज़िन्दगी को खेते चले जा रहे हैं. बिना बात का हिसाब जोड़े न जाने किस मुगालते में हैं.
उम्मीद करता हूँ कि यह चित्र आप सब को पसंद आएगा.
ये चित्र स्टिल लाइफ श्रेणी के अर्न्तगत आता है
आपका अनुज
मनुज मेहता
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
4 पाठकों का कहना है :
ok now this is somthing i want to see here....pics with some thoughts ....great work
bahut kuchh kahata huaa chitr
जी सही है कोई दरवाजा ज्ञान को नहीं रोक सकता बस पाने की अभिलाषा होनी चाहिए
सादर
रचना
افضل شركة مكافحة حشرات
احسن شركة مكافحة النمل الابيض بتبوك
ارخص شركة مكافحة حشرات بتبوك
افضل و احسن شركة رش مبيدات بتبوك
............
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)